Sunday 16 August 2020

Who invent Zero जीरो का अविष्कार किसने किया

 जीरो का अविष्कार किसने किया 


कहा जाता है की जीरो का अविष्कार अलग अलग रूपों में  सबसे पहले बेबीलोन, माया सभ्यता और भारतियों द्वारा किया गया था हालाँकि प्राचीन सभ्यतायें पहले से ही कुछ नहीं की अवधारणा से परिचित थे लेकिन उनके पास इसके लिए कोई प्रतीक नहीं था 

गणित का इतिहास :-

सुमेरियन सभ्यता ने सबसे पहले गिनती प्रणाली का उपयोग प्रारम्भ किया था और बाद में बेबीलोन के निवासियों ने एक संख्या प्रणाली विकसित करने के लिए सुमेरियन गिनती प्रणाली का उपयोग किया था उनके पास एक प्लेसहोल्डर प्रतीक था

शून्य का प्रयोग संख्या प्रणाली में :-

शुन्य की अवधारणा बेबीलोनियन प्रणाली से आई थी लेकिन यह भारत था जहाँ शून्य संख्या प्रणाली का एक महत्वपूर्ण अंग बन गया था  भारत में प्राचीन रचनाओं में कविताओं में गणित के समीकरणों का जप किया गया था उदाहरण के लिए  हनुमान चालीसा में भी गणितीय स्वरुप में सूर्य की दुरी की गणना की व्याख्या की गई है वे शब्द जिनका अर्थ "शुन्य", "आकाश" आल स्पेस है जो सभी शुन्य का प्रतिनिधत्व करते है 
भारतीय विद्वान पिंगला ने दिवाधारी संख्याओं  का उपयोग किया था और सूर्या  शब्द का उपयोग शून्य के लिए करने वाले पहले  व्यक्ति थे ६२८ ईस्वी  में ब्रह्मगुप्त ने शुन्य के प्रतीक के रूप में संख्याओं के नीचे एक डॉट का उपयोग किया था इससे पहले गणितज्ञ हमेशा शुन्य को दिखने के लिये एक रिक्त स्थान का उपयोग करते थे 
ब्रह्मगुप्त शून्य का उपयोग करते हुए इसके अतिरिक्त घटाव, जोड़ आदि गणितीय कार्यों के लिए नियम लिखे 
आर्यभट ने सर्वप्रथम दशमलव प्रणाली में शुन्य का प्रयोग किया था 

जीरो का नामकरण :-

जीरो जल्द ही चीन और मध्य पूर्व में फेल गया फारसी के गणितज्ञ मोहम्मद इब्न-मूसा  अल खावारिज़मी  ने प्रस्ताव दिया था की यदि दसवें स्थान पर संख्या का उपयाग नहीं किया जा रहा है तो उसके स्थान पर एक छोटे वृत का उपयोग किया जाये 
अरब के लोगों ने इसे सिफर या खाली कहा , आल ख्वारिज्मी ने बिज गणित का अविष्कार करने के लिए शून्य का उपयोग किया था 
बाद में अरब के व्यापारियों द्वारा ९०० ईस्वी सन के आसपास यूरोप में यह संख्या प्रणाली आई थी, जिसे हिन्दू-अरबी प्रणाली कहा जाता था तब तक रोमन संख्या प्रणाली में शुन्य नहीं था आज के समय में जीरो पूरी दुनिया की गणितीय प्रणाली का अभिन्न अंग बन गया है 

दो शब्द :-

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