भारत द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदम
1. चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाना
2. चीन के सामान का बहिष्कार
3. चीन द्वारा किसी भी भारतीय परियोजना में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाना
4. टेलिकॉम सेक्टर में चीनी उपकरणों पर प्रतिबन्ध
भारत की आर्थिक स्ट्राइक से चीन को साम्भलने का अवसर भी नहीं मिल पा रहा है। परंतु ऐसा लगता है कि अब भारत अभी रुकने के मूड में बिलकुल नहीं है, और अब उसका अगला लक्ष्य चीनी स्मार्टफोन को भारतीय मार्केट से बाहर निकालना भी हो सकता है।
अगर आप केंद्र सरकार के निर्णयों पर गौर करेंगे, तो आपको पता चलेगा कि शायद चीनी स्मार्टफोन पर प्रतिबंध पर केंद्र सरकार वास्तव में विचार कर रही है। उदाहरण के लिए चीनी स्मार्टफोन ब्राण्ड में भारत में सर्वाधिक बिकने वाले शाओमी और ओप्पो स्मार्टफोन को अब मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। कहीं उनके उत्पादों को भारत में प्रवेश करने से रोका जा रहा है, तो कहीं पर उन्हें सरकारी एजेंसियों द्वारा आवश्यक स्वीकृति नहीं मिल रही।
संभावित नई नीति
सूत्रों के अनुसार अगस्त माह के अंत तक भारत सरकार एक ऐसी नीति लागू सकती है जिसमें घटिया चीनी उत्पादों के क्रय विक्रय पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो सकती है। यदि ये बात शत-प्रतिशत सच साबित होती है तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि चीनी स्मार्टफोन उतने ही खतरनाक हैं, जितने कि प्रतिबंधित चीनी एप। यह हमारा ही दावा नहीं है, बल्कि फोर्ब्स मैगजीन ने भी ऐसा ही दावा किया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत की सरकारी एजेंसियां इन ब्राण्ड्स को मिलने वाली स्वीकृति में काफी विलंब कर रही है, जिसके कारण इन ब्राण्ड्स को अपने नए उत्पाद भारत लाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है
रिपोर्ट्स ऑफ़ फोर्ब्स
मैगज़ीन
फोर्ब्स मैगजीन की रिपोर्ट के अनुसार कुछ शोधकर्ताओं ने यह दावा किया था कि Xiaomi ना सिर्फ मोबाइल में इन्स्टाल हुई कुछ एप्स का डाटा चीन सर्वर में भेजता है, बल्कि वेब browser में browse किए जाने वाले URLs से जुड़ी जानकारी को भी फोन से बाहर भेजा जाता है, फिर चाहे यूजर किसी भी मोड में browser को इस्तेमाल कर रहा हो।
निष्कर्ष
ऐसे में
चीनी एप्स के बाद अब चीनी स्मार्टफोन पर प्रतिबंध न केवल एक अहम कदम होगा, बल्कि एक
आवश्यक कदम भी है,
अन्यथा भारत के करोड़ों यूजर्स के निजी डेटा पर निरंतर खतरा
बना रहेगा। ऐसे में यदि केंद्र सरकार चीनी स्मार्टफोन को प्रतिबंधित करने का
निर्णय लेती है, तो यह एक
उचित कदम होगा, क्योंकि
यही समय की मांग भी है।
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