शिक्षा - Education
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आज के युग में शिक्षा का महत्व बहुत ज्यादा हो गया है और छोटे परिवारों के कारण आजकल बच्चों की घरेलु शिक्षा प्रभावी और प्रायोगिक रूप से नहीं हो पाती है बच्चों को व्यावहारिक व सामाजिक समझ या तो बहुत देर से पैदा होती है या वक्त से पहले से आ जाती है दोनों ही स्थितियाँ उचित नहीं होती है फिर बच्चे गलत तरीको और रास्तों से जानकारियां प्राप्त करते है जो की कई बार उनके जीवन के लिए उचित नहीं होती खास कर एडल्ट एजुकेशन जो की बच्चों को गलत राह पर ले जाती है माता-पिता और बच्चों के बिच में इस शिक्षा कोप लेकर एक मौन की दिवार खड़ी रहती है जो की कई बार जीवन भर की पीड़ा का कारण बनती है
बच्चों को एडल्ट एजुकेशन की सही शिक्षा और ध्यान की दीक्षा दोनों ही घर पर मिलनी चाहिए ताकि बच्चों का सम्पूर्ण विकास हो सके और अपने जीवन को सफ़ल बना सके बच्चों को सबसे पहले मौन होना सिखाना कहिये 24 घंटे में से 30 मिनिट फिर 1 घंटा अगर बच्चे मौन होना सीख जायेंगे तो वे निर्विचार और शांत होना सीख जायेंगे इसलिए हर गहर में कम से कम एक घंटा एसा होना चाहिए जब सम्पूर्ण परिवार मौन हो एक साथ मौन हो तभी मौन में जाया जा सकेगा यह एक घंटे का मौन १४ वर्षों में उस दरवाजे को तोड़ देगा जिसका नाम ध्यान है जिस ध्यान से मनुष्य को समयहीन और अहंकार शुन्यता का बोध होता जाता है जहाँ से आत्मा की झलक मिलती है
इस प्रकार की शिक्षा से हम अपने बच्चों को उन्नत जीवन की और अग्रसर कर सकते है
दोस्तों यह मेरा प्रयास है की जो कुछ में प्राप्त कर रहा हूँ वो अपने तक सीमित न रख कर और आगे प्रसारित करू और आशा करता हूँ की आप अपने बहुमूल्य विचारों से मेरा मार्गदर्शन अवश्य करेंगे
आपके कमेंट्स और विचारों की प्रतीक्षा में
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