Thursday 16 July 2020

What Is Life जीवन क्या है

हमने जीवन के सम्बन्ध में ऐसी  धारणायें ऐसा दृष्टिकोण बना लिया है की इस कारन हम जीवन के सत्य को देखने से वंचित रह जाते है हमने मन लिया है की जीवन क्या है  बिना खोजे, बिना जिज्ञासा, बिना पहचाने हमने जीवन के बारे में एक निश्चित सोच - नजरिया बना रखा है और उसके सिवा और कुछ सोचना चाहते ही नहीं है क्योकि इसमें अपना कुछ नुकसान हमे उपरी सतह पर दिखाई नहीं देता और हम भीतर उतरना नहीं चाहते क्युकी वहा परेशानिया है वहा कुछ सवाल है हमे वर्षो से एक ही बात सिखाई जा रह है की जीवन व्यर्थ है जीवन असार है जीवन दुःख का सागर है                 
            इस कारन जीवन का सारा आनंद खो गया है सारा सुखा जो की इस जीवन से हमे प्राप्त होना चाहिए वहा खो गया हैं इस जीवन को सार्थक बनाने की चेष्टा ही मनुष्य ने छोड़ दी है और यह मन लिया है की जीवन छोड़ देने के योग्य है और जिस को छोड़ देना है उसे निखारने, सजाने का प्रयत्न कोई क्यों करेगा 
                जीवन के साथ हम एसा व्यवहार कर रहे जेसे व्यक्ति किसी रेलवे प्रतीक्षालय के साथ करता है प्रतीक्षालय जेसा भी है हम थोड़ी देर के लिए ही तो यहाँ पर रुकेंगे तो कोन  इसको साफ करे कोन इसको सजाये  उसी तरह जीवन भी क्षण भर का है तो जेसा है वेसे चलने दो कोन इसको ऊपर उटाने का कार्य करे कोन सत्य की खोज करने का परिश्रम करे     
                लेकिन सत्य यह है की जीवन हमे छोड़ना है लेकिन जो असली जीवन है उसे छोड़ने का कोई उपाय नहीं है हम यह घर छोड़ देंगे, यह स्थान छोड़ देंगे यह देह भी छोड़ देंगे परन्तु जो जीवन का सत्य है वो सदा हमारे साथ रहेगा वह हम सवयं है उसे बदलने का तो प्रशन ही नहीं है 

                                                                                                                            क्रमश       

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