Wednesday 29 July 2020

Tathagata buddha - तथागत बुद्ध

Tathagata buddha  - तथागत बुद्ध

    Tathagata buddha

तथागत बुद्ध के संबंध में कहा जाता है: वे ऐसे आते हैं जैसे हवा आए, वे ऐसे चले जाते हैं जैसे हवा चली जाए; न दिखाई पड़ता उनका आना, न दिखाई पड़ता उनका जाना। इसलिए बुद्ध का एक नाम है तथागत। जो आया और गया,लेकिन जिसके आने-जाने की कोई चोट नहीं पड़ती। तथागत का मतलब होता है: जो ऐसे आए कि पता भी न चले, जो ऐसे चला जाए कि पता भी न चले। बुद्ध के प्यारे से प्यारे नाम में तथागत है। हजारों नाम बुद्ध को दिए गए हैं, लेकिन तथागत की खूबी ही और है। आया, गया, और हमें पता भी न चले। 

जब कोई इतना एक हो जाता है प्रकृति के साथ कि जैसे प्रकृति ही उसमें उठती है और प्रकृति ही बैठती है और प्रकृति ही सोती है और प्रकृति ही चलती है, तब परम मुक्ति। इसलिए अहंकार का इतना विरोध है; क्योंकि अहंकार ही आपकी मुक्ति में बाधा है। जितना आपको लगता है मैं हूं, उतना ही आपका आनंद दूर है। और जितना आपको लगे मैं नहीं हूं, उतना ही आनंद निकट है। जिस दिन लगे मैं हूं ही नहीं...। 

इसलिए बुद्ध कहते हैं, जो बुझ जाता है, जैसे दीया बुझ जाए, ऐसा जिसका अहंकार बुझ जाता है, जो मिट जाता है, जैसे बूंद सागर में खो जाए, ऐसा जो खो जाता है, वही मुक्त है।

                                                                                                    ओशो - ताओ उपनिषद-61



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